संगीत -साधना

संगीत एक साधना है ,ध्यानावस्था है ।
 संसार के कण-कण में संगीत व्याप्त है  ।
  संगीत में प्रगति एक दिन में नहीं होती ,उम्र गुजर जाती है ।
हर दिन किया गया रियाज़ आपको आगे बढने में मदद करता है । 
  आजकल कई अभिभावक जब अपनें बच्चों को लेकर आते हैं संगीत सिखानें के लिए ,उनका पहला प्रश्न होता है ..कितनें दिन में सीख जाएगें ,सुनकर हँसी भी आती है और रोना भी ....।
संगीत सीखना कोई दौड़ नही,वरन एक लंबी यात्रा है जो जीवन के अंत तक करो तो भी कम है ।
संगीत तो एक आत्मिक साधना है जो मनुष्य को उसके ही भीतर पहुँचा देती है ।


शुभा मेहता 




Comments

  1. संगीत में प्रगति एक दिन में नहीं होती ,उम्र गुजर जाती है ।
    हर दिन किया गया रियाज़ आपको आगे बढने में मदद करता है l किसी भी चीज को सीखने के लिए यह आवश्यक है कि पहले आप उससे जोड़े जब तक आप खुद को उस चीज से ही नहीं जोड़ पा रहे है तो शार्टकट ढूँढने लगते है और शार्टकट कभी सफलता का रास्ता नहीं होता और न उसमें वो सुकून ही होता है जो दिल से रम जाने एकाकार हो जाने के भाव में छिपा होता है संगीत या किसी भी कला में निपुणता प्राप्त करने के लिए साधना के स्तर पर आकर साधक की भूमिका निभानी पड़ती है एक सच्चा साधक जिसमें अंहकार की भावना द्वेष द्वंद्व या ईर्ष्या की दुर्भावना नहीं केवल कला से प्रेम हो ।
    सीख देती वे हमारी जल्दीबाजी के फास्ट कल्चर पर चेताती पोस्ट।

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  2. बहुत -बहुत धन्यवाद

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