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संगीत -साधना

संगीत एक साधना है ,ध्यानावस्था है ।  संसार के कण-कण में संगीत व्याप्त है  ।   संगीत में प्रगति एक दिन में नहीं होती ,उम्र गुजर जाती है । हर दिन किया गया रियाज़ आपको आगे बढने में मदद करता है ।    आजकल कई अभिभावक जब अपनें बच्चों को लेकर आते हैं संगीत सिखानें के लिए ,उनका पहला प्रश्न होता है ..कितनें दिन में सीख जाएगें ,सुनकर हँसी भी आती है और रोना भी ....। संगीत सीखना कोई दौड़ नही,वरन एक लंबी यात्रा है जो जीवन के अंत तक करो तो भी कम है । संगीत तो एक आत्मिक साधना है जो मनुष्य को उसके ही भीतर पहुँचा देती है । शुभा मेहता